Tuesday 4 December 2012

हकीकत



"जो रिश्ते है हकीकत में वो अब रिश्ते नहीं होते 
हमें जो लगते है अपने वही अपने नहीं होते"

"कशिश होती है कुछ फूलों में पर खुशबू नहीं होती 
ये अच्छी सूरतों वाले सभी अच्छे नहीं होते"

"सभी के पेट को रोटी ,बदन पे कपड़े ,सर पे छत
बहोत अच्छे है ये सपने मगर सच्चे नहीं होते।"

No comments:

Post a Comment